Best Lahu ka rang ek hai-लहू का रंग एक हैं Lyrics in hindi(Har desh mein tu lyrics)

क्या आप Lahu ka rang ek hai ढूंढ रहे हैं? तो आप बिलकुल सही स्थान पर आए हैं। यहाँ पर हम लहू का रंग एक हैं Lyrics in hindi में साझा कर रहे हैं। इस कविता को प्रमुख हिंदी गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी ने बीसवी सदी में लिखा था।


कवि परिचय

मजरूह सुल्तानपुरी एक प्रमुख हिंदी गीतकार थे, जिन्होंने भारतीय सिनेमा में अपने प्रसिद्ध गीतों के लिए विशेष पहचान बनाई। उन्होंने 1 अक्टूबर 1919 को सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश, भारत में जन्म लिया था और उनका असली नाम असदुल्लाह खान था।

मजरूह सुल्तानपुरी ने अपनी करियर की शुरुआत 1940 के दशक में की और उन्होंने विभिन्न फ़िल्म स्टूडियों में गीतकारी का काम किया। उन्होंने बॉलीवुड में कई बड़ी फ़िल्मों के लिए गीत लिखे, जैसे कि “कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है” (कभी कभी), “आज कल पाओं ज़मीं पर” (गोलमाल), “मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू” (अराधना), और “ये रातें ये मौसम नदी का किनारा” (दिलीप कुमार की फ़िल्म डो रास्ते)।

Har desh mein tu lyrics

 लहू का रंग हैं, अमीर क्या गअरीब क्या,

बने हैं एक खाक से, तो दूर क्या गरीब क्या। 

वही है तन, वही हैं जान, कब तलक छुपाओगे,

पहन कर रेशमी लिबास, तुम बादल न जाओगे। 

सभी हैं एक जाती हम, स्वर्ग क्या अवर्ण क्या,

लहू का रंग एक हैं, अमीर क्या गरीब क्या। 

बेस्ट Lahu ka rang ek hai कविता

गरीब हैं तो इसलिए कि तुम अमीर हो गए,

एक बादशाह हुआ, तो सौ फकीर हो गए। 

खता हैं  सब समाज की, भले  बुरे नसीब क्या, 

लहू का रंग एक हैं, अमीर क्या गरीब क्या। 

जो एक हैं तो फिर न क्यूँ, दिलों का दर्द बाँट ले,

जिगर कि प्यार बाँट ले, लबोन की प्यास बाँट लें। 

लहू का रंग एक है kavita lyrics

लगा लो सबको तुम गले, हबीब क्या रकीब क्या, 

लहू का रंग एक हैं अमीर क्या गरीब क्या। 

कोई जने हैं मर्द, तो कोई जनी हैं औरतें,

Also check:

शरीर में भले हो फर्क, रूह सभी कि एक है।

एक हैं जो हम हम सभी, विषमता की लकीर क्या,

लहू का रंग एक हैं, अमीर क्या गरीब क्या। 

–मजरूह सुल्तानपुरी

आशा करता हूँ दोस्तों की आपको ये Lahu ka rang ek hai कविता लीरिक्स पसंद आया होगा।

1 thought on “Best Lahu ka rang ek hai-लहू का रंग एक हैं Lyrics in hindi(Har desh mein tu lyrics)”

Leave a Comment